भारतीय संविधान सभा का गठन(Bhartiya samvidhan sabha ka gathan)
संविधान सभा का अर्थ एक ऐसी सभा से होता है जो संविधान का निर्माण करे तथा उसे लागु करे । किसी भी भूखण्ड पर लागु होने वाले प्राथमिक और सर्वोच्च कानून संविधान है। (Bhartiya samvidhan sabha ka gathan)संविधान अंग्रेजी भाषा का constitution हिंन्दी रूपांतरण है जिसका शाब्दिक अर्थ संरचना होता है । इस प्रकार संविधान वह संरचना है जो किसी देश का निर्माण करे ।आज हम इस पोस्ट मे भारतीय संविधान की कुछ महत्वपुर्ण विशेषताए बताने जा रहे हैं।
कैबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत कुछ बातें निर्धारित की गई थी जैसे-
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- संविधान निर्माण के समय यह तय किया गया था कि संविधान सभा मे कुल 389 सदस्य होंगे जिसमे से 93 सदस्य देशी रियायतों से परामर्श के आधार पर संविधान मे आयेंगे तथा 296 सदस्यों का अप्रत्यक्ष एंव एकल संक्रमणीय रीति द्वारा प्रान्तो की विधानसभा के सदस्यों से निर्वाचित होंगे
- इन 296 सदस्यों मे 292 सदस्य 11 ब्रिटिश प्रांतो से तथा 4 सदस्य कमीशनरियों से निर्वाचित होंगे।
- संविधान सभा मे प्रति 10 लाख जनसंख्या पर एक सदस्य होगा ।
- जुलाई 1946 मे संविधान सभा का चुनाव हुआ जिसमे सभी दल के सदस्यों ने भाग लिया था
- संविधान सभा के निर्वाचन मे 208 सदस्य कांग्रेस के विजय हुये मुस्लीम लीग के 73 सदस्य तथा 15 अन्य सदस्य विजय हुये थे ।
- समुदाय के आधार पर संविधान मे 213 समान्य, 79 मुस्लीम लीग से, तथा 4 सिख सदस्य विजय हुए थे।
- संविधान सभा मे 26 सदस्य अनुसुचित जाति के, 33 सदस्य अनुसुचित जनजाति के तथा 15 महिलाए सदस्य थीं।
- संविधान सभा की पहली बैठक 1946 दिसम्बर 9 को सोमवार के दिन प्रातः 11 बजे चैम्बर काउंसिल के पुस्तकालय भवन मे हुयी थी जिसमे 210 सदस्यो ने अपनी उपस्थिती दर्ज करायी थी तथा वरिष्ठता के आधार पर डा0 सच्चिदानन्द सिंहा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया था
- संविधान सभा की पहली बैठक मे हैदराबाद की रियासत ने भाग नही लिया था तथा मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान के लिये अलग संविधान सभा कि मांग करते हुये संविधान सभा का बहिस्कार किया था ।
- 1946 दिसम्बर 11 को संविधान सभा मे सर्वसम्मति से डा0 राजेन्द्र प्रासाद को संविधान सभा का स्थायी सदस्य बनाया गया तथा हरिशचन्द्र मुखर्जी को उपाध्यक्ष बनाया गया
- 1946 दिसम्बर 13 को संविधान सभा मे जवाहर लाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव रखा संविधान सभा ने इस उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को पास कर दिया ।
- संविधान निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढाते हुये बेनेगल डा0 नरसिंह राव की अध्यक्षता मे एक सचिवालय का गठन किया गया था और बेनेगल नरसिंह राव को उस सचिवालय का अध्यक्ष बनाया गया तथा बी एन राव ने ही संविधान का प्रारूप तैयार किया था ।
- संविधान निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये कई तरह की समितियों का गठन किया गया था उनमे से कुछ इस प्रकार हैं-
प्रांतीय संविधान समिति - सरदार पटेल
कार्य संचालन समिति - राजेन्द्र प्रसाद
संघ शक्ति समिति जवाहर लाल नेहरू
मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यक कल्याण समिति - सरदार पटेल
मौलिक अधिकार उपसमिति - जे बी कृपलानी
अल्पसंख्यक उपसमिति - एच सी मुखर्जी
झण्डा समिति - जे बी कृपलानी
झण्डा उपसमिति - राजेन्द्र प्रासाद
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